प्रयागराज की एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार का अहम कदम
प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। इनमें से बहुत-से श्रद्धालु हवाई रास्ते से जा रहे हैं। इस बढ़ी डिमांड का फायदा उठाने के लिए विमानन कंपनियों ने हवाई किराये में इजाफा कर दिया है। इस पर सरकार ने चिंता जताई है। प्रयागराज में 26 फरवरी तक महाकुंभ मेला रहेगा ,दिल्ली-प्रयागराज उड़ानों में हवाई किराए में 21% तक बढ़ोतरी।
- नागरिक विमानन मंत्रालय ने किराए में वृद्धि पर प्रतिक्रिया दी
- मंत्रालय ने हवाई किराए को तर्कसंगत बनाने के लिए कदम उठाने की बात की
- अधिकारियों ने एयरलाइंस से कीमतें कम करने की अपील की
- महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के लिए उड़ानों की बढ़ती मांग पर मंत्रालय की प्रतिक्रिया
- मंत्रालय ने एयरलाइंस से अधिक उड़ानें जोड़ने की सिफारिश की
- सरकार ने कहा- हवाई किराए की वृद्धि पर निगरानी रखी जाएगी
घटाता-बढ़ाता है हवाई किराया?
हवाई किराया तय करने का अधिकार विमानन कंपनियों के पास होता है। मौजूदा नियमों के तहत, एयरलाइंस अपनी इच्छा से हवाई किराया तय करती हैं। सरकार एयरलाइंस को किराए में बढ़ोतरी या कमी के लिए सलाह दे सकती है। एयरलाइंस से किराया बढ़ाने पर चर्चा करता है। सरकार सिर्फ सुझाव दे सकती है, एयरलाइंस को नियमों का पालन करना जरूरी नहीं।
एयरलाइंस के किराए में वृद्धि के दौरान सरकार हस्तक्षेप करती है। एयरलाइंस आमतौर पर डिमांड और आपूर्ति के आधार पर किराए में बदलाव करती हैं। प्रतियोगिता भी किराए को प्रभावित करती है। सरकार, विशेष परिस्थितियों में, यात्रियों की सुविधा के लिए एयरलाइंस से किराया घटाने की अपील करती है।
प्रयागराज के लिए उड़ानों की संख्या में और वृद्धि की संभावना है
प्रयागराज के लिए फिलहाल लगभग 80,000 मासिक सीटों के साथ 132 उड़ानें संचालित हो रही हैं। यह पिछले महीने आठ की तुलना में अब 17 शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है। हालांकि, प्रयागराज के लिए हवाई टिकटों की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि अधिक से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ का हिस्सा बनना चाहते हैं। हालांकि, अभी एयरलाइंस के पास डिमांड के मुकाबले काफी कम फ्लाइट और सीटें उपलब्ध हैं।