सरकारी ज़मीन को बताया वक्फ संपत्ति, 11 लोगों पर FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के बरेली के सीबीगंज थाना क्षेत्र से वक्फ कानून के तहत पहला मामला सामने आया है, जहां सरनिया गांव में सरकारी जमीन को वक्फ संपत्ति बताकर उस पर अवैध कब्जा कर लिया गया. इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. गांव के रहने वाले पुत्तन शाह ने इस पूरे मामले की शिकायत बरेली के एसएसपी से की थी. उन्होंने बताया कि गांव के ही सब्जे अली नामक व्यक्ति ने सैय्यद हामिद हसन नाम के एक फकीर को सामने रखकर कब्रिस्तान के नाम पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया. हामिद हसन की मौत के बाद वहां एक पक्की मजार बनवा दी गई और जमीन को दरगाह बताकर ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर करा लिया गया.
दरअसल पुत्तन शाह का आरोप है कि 24 नवंबर 2020 को सैयद हामिद हसन दरगाह चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम से एक फर्जी ट्रस्ट रजिस्टर्ड कराया गया. ट्रस्ट में सब्जे अली ने खुद को अपनी पत्नी ज़कीरा और चार बेटियों फरहा नाज, गुलनाज, शना जाफरी और राहिला जाफरी को ट्रस्टी बनाया. साथ ही मनीष कुमार को भी ट्रस्ट में शामिल कर लिया गया, जिसे इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.
11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
ट्रस्ट के नाम पर झाड़-फूंक का काम शुरू किया गया और लोगों से पैसे भी वसूले जाने लगे. जब पुत्तन शाह ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई. एसएसपी के आदेश पर जब पूरे मामले की जांच कराई गई तो राजस्व विभाग ने पुष्टि की कि जिस जमीन पर कब्जा किया गया. वह कब्रिस्तान की तीन बीघा सरकारी जमीन है, जिसपर कब्जा किया गया है. जांच के बाद पुलिस ने सीबीगंज थाने में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली.
पुलिस कर रही मामले की जांच
इस मामले की खास बात यह है कि यह वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद बरेली में दर्ज हुआ पहला केस है. इससे यह साफ हो गया है कि सरकारी जमीनों को फर्जी तरीके से वक्फ संपत्ति में दर्ज कराकर निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. अब पुलिस इस मामले में गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है. पुलिस ने पूरे मामले में गंभीर में सब्जे अली, श्रीमती जकीरा, फरहा नाज, गुलनाज, सना जाफरी, राहिला जाफरी, मनीष कुमार, आसिफ अली, अहमद अली, मकसूद, जैब के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है.