कटनी: बड़वारा तहसील कार्यालय में गुरुवार को पूर्व विधायक की पत्नी ने जमकर हंगामा किया. यहां तक कि उन्होंने नायब तहसीलदार के कक्ष में अपने ऊपर केरोसीन भी उड़ेल लिया और उन पर कई गंभीर आरोप लगाए. मामला जमीन विवाद से जुड़ा है.

पूर्व विधायक की पत्नी ने उड़ेला केरोसीन

पूर्व कांग्रेस विधायक विजय राघवेंद्र सिंह की पत्नी रंजीता सिंह ने गुरुवार शाम को बड़वाहा तहसील कार्यालय में खुद पर केरोसिन डाल लिया. हालांकि, कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों और फरियादियों ने उन्हें ऐसा करने से रोका और उन्हें बचा लिया. इस दौरान नायब तहसीलदार दूर खड़े होकर वीडियो बनाते नजर आई.

जमीन विवाद का बताया जा रहा मामला

पूर्व विधायक की पत्नी रंजीता सिंह का आरोप है कि "जमीन विवाद में शिकायत के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है." नायब तहसीलदार अनुराधा सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि "वह उनकी जमीन पर कब्जा नहीं दिलवा पा रही हैं और तारीख बढ़ाते जा रही हैं. आदिवासी होने के कारण उनके साथ अन्याय हो रहा है."

रंजीता सिंह ने बताया कि "कुछ साल पहले बिलायत कला गांव में उन्होंने जहान सिंह नाम के व्यक्ति से जमीन खरीदी थी. जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है. इस मामले में वे पिछले 6 महीने से तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है इससे वे मानसिक रूप से परेशान हो गई हैं." उनका आरोप है कि "नायब तहसीलदार की लापरवाही के कारण उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब एक पूर्व विधायक की पत्नी की फरियाद नहीं सुनी जा रही है तो आम लोगों का क्या हाल होता होगा." बता दें कि रंजीता के पति बड़वारा विधानसभा से पूर्व कांग्रेस विधायक रह चुके हैं.

कब खरीदी थी जमीन

बड़वारा निवासी रंजीता सिंह ने 15 सितंबर 2021 को जहान सिंह नामक व्यक्ति से 0.39 हैक्टेयर में से 1176 वर्ग फुट जमीन खरीदी थी. जिस पर वर्तमान समय में बिलायत कला ग्राम निवासी अनुरोध तिवारी का कब्जा है. इस जमीन पर कब्जे को लेकर रंजीता सिंह पिछले 6 महीने से लगातार बड़वारा तहसील कार्यालय के चक्कर काट रही हैं. बेदखली आदेश के लिए गुरुवार की शाम करीब बड़वारा नायब तहसीलदार कार्यालय में पहुंची थीं, जहां उन्होंने नायब तहसीलदार अनुराधा सिंह के सामने आत्महत्या के उद्देश्य से अपने ऊपर केरोसीन उड़ेल लिया था.

 

 

'रंजीता सिंह के आरोप निराधार'

तहसीलदार अनुराधा सिंह ने बताया कि "श्रीमती रंजीता सिंह का प्रकरण राजस्व विभाग में दर्ज है. प्रकरण में अनावेदक 1995 से काबिज है जबकि आवेदिका के नाम पर भूमि 2021 में दर्ज हुई है. मामला विवादित होने के कारण निर्णायक अंजाम तक नहीं पहुंचा है. श्रीमती रंजीता सिंह के द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं. नियम अनुसार न्यायालय में सुनवाई हो रही है."